22 May Cosmic Mail (हिंदी)
हे चमत्कारी आत्मा,
चलिए शुरू करते है आज का कॉस्मिक मेल हमारे अलौकिक पिता ब्रम्हांड का शुक्रिया करते हुए।
सवाल: तीसरी आँख क्या होती है?
अलौकिक पिता परमात्मा का जवाब:
“मेरे प्यारे बच्चो,
मैं आपका अलौकिक पिता परमात्मा हूं। मैं हमेंशा चाहता हूं की मेरे बच्चे बहोत खुश रहे। आईये समझते है तीसरे नेत्र को।
आँखे। हम सब जानते है की क्या उपयोग होता है आँखों का। हमारी दोनों आँखों का उपयोग हम चीज़ो को देखने के लिए करते है। लेकिन ये तीसरी आँख क्या है?
सबसे पहले यह जान ले की तीसरी आँख कोई शारीरिक अंग नहीं है। यह एक अलौकिक आँख है। क्यों हम इसको आँख बोलते है? जैसे हमारी शारीरिक आँखे बाहर के दृश्य दिखाती है वैसे ही तीसरी आँख हमें आंतरिक दृश्य दिखाती है। आप सभी ने देखा होगा की तीसरी आँख ज़्यादातर दो शारीरिक आँखों के बिच मे जहा ललाट पे तिलक लगाते है वहा दिखाई जाती है। वह जगह आत्मा का निवास स्थान है। यह तीसरी आँख हमें आत्मा के दर्शन करती है। हमें आत्मज्ञान कराती है। हमें मोक्ष के द्वार तक ले जाती है।
अगर हम मेडिकल सायन्स की दृस्टि से देखे तो जहा हम तिलक लगाते है वही अंदर दिमाग़ मे एक अंग है जिसको मेडिकल सायन्स Pineal Gland कहता है। वह एक ऐसा प्रकाश सवेंदनशील अंग है जिसको लोग अलौकिक शक्तिओ से जोड़ते है।
तीसरी आँख का मूल उदेस्य अंदर आत्मा को देखना होता है। अपनी असली पहचान को पहचानना होता है। आत्मज्ञान हासिल करना है।”